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रविवार, 3 अगस्त 2008

बाल मनोरंजन गीत

सिर पर चमेली का तेल मला
सहज सलीके से मैं हूँ ढला
दुलार प्यार से हूँ मैं पला
आती मुझको हर हुनर कला
खाकर मिठाई शुद्ध घी में तला
गणित के प्रश्नों को है हला
तब छोटू संग घर से निकला
चोर सिपाही खेलने चला
छोटू को ये खूब खला
कि पहले बना वो चोर क्यों भला
वो सोचा मैंने उसको है छला
मन ही मन वो खूब जला
मुझे बात जब पता चला
सिपाही बनाया उसको पहला
फ़िर बताया इर्ष्या है बुरी बला
और प्यार से हर समस्या है टला
समझकर छोटू ने लगा लिया गला
ये दोस्ती प्यार से खूब फुला फला

-बौबी बावरा



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